यन्त्र- शब्द और संख्या एवं भाव तथा ग्रहों

यन्त्र- शब्द और संख्या एवं भाव तथा ग्रहों की गणनाओ से निर्मित आकृति जो अपने अस्तित्व से आपके कार्यसिद्धि में दैविय शक्ति अर्जित करके आपकी आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाती है यन्त्र कहलाता है।ज्योतिष और वैज्ञनिक यंत्रो में अगर आप फर्क देखें तो An instrument is a device which helps to get the job done by its uses.

मन्त्र- शब्दों और ध्वनि ,स्वर,लय के लयबद्ध उच्चारण से अपनी सुप्त आन्तरिक ऊर्जा को जाग्रत कर दिव्य और परम् शक्ति या ऊर्जा की कृपा पाने को मन्त्र कहते है। ये मन्त्र सदैव वैदिक ऋचाओं में या काव्य में होते हैं।
@ दीपक शर्मा

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